ब्लॉगिंग के सफर दौरान बहुत से नए और पुराने ब्लॉगर बहुत से गलतियों को बार-बार दोहराते है और इसका नुकसान होता यह है कि उसका अच्छा पोस्ट भी बहुत देर से रैंक करता है।
वैसे इस तरह के बार बार गलती का सबसे बड़ा कारण है, ब्लॉगिंग के दौरान सही तरह से रिसर्च नहीं करना या जल्दी- जल्दी पोस्ट पब्लिश करने के चक्कर में महत्वपूर्ण फैक्ट को नजर अंदाज कर देना।
तो आज का पोस्ट भी कुछ ऐसे फैक्टर पर है, जिसमें लोग महीनों या सालों तक गलतियां करते रहते है, पर कभी ध्यान नहीं दे पाते है।
तो आज का टॉपिक है Post URLs के बारे में, जिसमें जान पाएंगे: यह क्या होता है, इसके क्या इम्पोर्टेंस है, और क्यों इसे सही तरीके से लिखना चाहिए।
सबसे पहला सवाल है Post URLs क्या होता है, लेकिन यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि पोस्ट यूआरएल को सही टर्म में Permalink कहते है, डोमेन और सब डोमेन के यूआरएल को छोड़कर।
Table of Contents
What is Permalinks
Permalink को सिम्पली Link, Permanent Link, Pretty Link और कहीं तो इसे Stable URL भी कहते है।
Permalinks are the permanent URLs to your individual weblog posts, as well as categories and other lists of weblog postings.
—WordPress.org
पर्मलिंकपर्मलिंक को पर्मानेंट लिंक कहने का कारण है, कि शायद ही इसका यूआरएल भविष्य में चेंज होता है, जब तक कोई उचित कारण ना आ जाए।
कई यूजर अक्सर डोमेन और परमालिंक के बीच कन्फ्यूज हो जाते है। पर्मलींक डोमेन का हिस्सा तो है, पर डोमेन स्वतंत्र है।
यहां पर लाल बॉर्डर में एक परमलिंक है, जो सामान्य रूप से टॉप पेज वाले पोस्ट पर दिखाई देता है।
पर जब इसे खोलेंगे तो यह https://moz.com/beginners-guide-to-seo के रूप में दिखाई देगा।
सामान्यत: यह दो पार्टस से बना होता है।
यहां yourdomain.com Domain है और page-structure Slug है।
जहां तक बात है डोमेन का, तो यह एक सर्वर लोकेशन का यूनिक एड्रेस है, जिसे आईपी एड्रेस कहते है और इस आईपी एड्रेस को human readable language में डोमेन नेम कहते है।
जैसे: yourdomain.com
वहीं slug डोमेन नेम के आगे का पार्ट है, जिसे / सिंबल से डोमेन से अलग किया जाता है और इसके सभी वर्ड को जोड़ने के लिए – सिंबल का उपयोग किया जाता है।
जैसे कोई वर्ड्स best seo site है, तो इसे SLUG के रूप में best-seo-site लिखा जाएगा।
तो अब Permalink बनाने के लिए रूल है।
Domain + Slug = Permalink
Yourdomain.com + best seo site = https://yourdomain.com/best-seo-site
यहां https:// बस एक प्रोटोकॉल है, जिसे जोड़ने की बिल्कुल भी जरुरत नहीं है, क्योंकि यह खुद ब खुद जुड़ जाता है किसी साइट यूआरएल के साथ।
यहां तक तो आप समझ ही गए होंगे कि पर्नालिंक क्या होता है और इसकी पहचान कैसे कैसे करते है।
पर अब वक्त है इसे इम्पोर्टेंस (महत्व) समझने की और जब तक इसे नहीं समझेंगे, तब तक इसे इस्तेमाल करने का कोई रीजन आपके पास नहीं होगा।
Importance of Permalink
अक्सर नए ब्लॉगर परमलिंक पर सही तरह से रिसर्च करके इसे लिखना पसंद नहीं करते है, क्योंकि उन्हें इसका जरूरत नहीं समझ आता है।
और दूसरा कारण है, इसमें किसी तरह का कोई एडिटिंग नहीं करना पड़ता है।
जैसे अगर किसी पोस्ट का टाइटल आप नहीं लिखते है, तो पोस्ट बिना टाइटल के ही पब्लिश हो जाता है और यही वजह है कि कैसे भी हो आपको टाईटल लिखना ही होता है।
लेकिन URLs के मामले में ऐसा नहीं है।
जैसे अगर आपका ब्लॉग URLs https://yourtime.com है और पोस्ट टाइटल how to start blog in 2020 है, तो आपका पर्मलिंक https://yourtime.com/how-to-start-blog-in-2020 खुद क्रिएट हो जाएगा, बिना टाइप किए।
लेकिन एक्सपर्ट्स के नज़रिए से आपका पर्मलिंक Seo फ्रेंडली होना चाहिए, मतलब इसे इस तरह से बनाना चाहिए ताकि यह सर्च इंजन और रीडर्स दोनों के लायक होना चाहिए।
तो चलिए इसे कुछ उदाहरण से समझने का प्रयास करते है।
Or
https://yourtime.com/2020/07/09/seo-in-2020
Or
https://yourtime.com/seo-in-2020
#1 पहले वाले उदाहरण में आप देख सकते है कि डोमेन यूआरएल के बाद सिर्फ ?=101 है। यह 101 पोस्ट का यूनिक आईडी है और अगले पोस्ट का आईडी 124, 126 जैसे सीरीज में है।
#2 दूसरा उदाहरण में आप 2020/07/09 देख सकते है, इस तरह का फॉर्मेट से यह जानकारी मिलता है कि कोई इंडिविजुअल पोस्ट किस दिन पर पब्लिश/अपडेट हुआ है।
#3 तीसरे वाले में कोई खास फॉर्मेट नहीं है, पर स्ट्रक्चर के हिसाब से यही सबसे सही फॉर्मेट है।
अब तीनों को रिव्यू करते हैं। जहाँ तक सवाल है, ऊपर दिए गए दो फॉर्मेट का, तो उसके URLs को याद करने रखना आसान नहीं है, पर तीसरे वाले को आसानी से याद किया जा सकता है। ऐसा क्यों? वह तीसरे फॉर्मेट https://yoursite.com/seo-in-2020 को देख कर समझा जा सकता है।
इसके अलावा आसानी से याद करने रखे जाने वाले पोस्ट यूआरएल CTR (Click Through Rate) को भी बढ़ाने में मदद करता है, जो किसी भी ब्लॉग के लिए गुड सिग्नल है।
Change Permalink Structure
किसी सिंगल पोस्ट के पर्मलिंक को चेंज करने से पहले इसके स्ट्रक्चर में आपको बदलाव करना होगा। इसके लिए
#1 सबसे पहले वर्डप्रेस के एडमिन पैनल में लॉगिन करे।
#2 इसके बाद Navigation Menu पर क्लिक करे।
#3 फिर Settings पर क्लिक करे।
#4 इसके बाद Permalinks पर क्लिक करे।
इन सब प्रोसेस के बाद एक पेज खुलेगा, जो ऐसा होगा।
तो यहां पर आप देख सकते है कि बहुत से स्ट्रक्चर है और इसमें से तीन स्ट्रक्चर Plain, Day and Name, Post name को पहले से डिफाइन कर दिया है।
WordPress का डिफॉल्ट स्ट्रक्चर Plain है, जिसे Ugly Permalink Structure कहा जाता है।
इसलिए इसे हमेशा Post Name वाले स्ट्रक्चर का इस्तेमाल करना चाहिए।
पर यहां ध्यान देने वाला बात यह है कि इस तरह के स्ट्रक्चर्स को बदलने से मौजूदा पोस्ट में किसी तरह का साइट इफेक्ट्स नहीं पड़ता है।
जैसे: अगर आपने पहले स्ट्रक्चर Month and name रखा है, तो पोस्ट इस तरह से दिखता होगा http://richblog.tech/2020/07/add-wordpress-plugin पर जैसे ही स्ट्रक्चर Post name करते है, तो http://richblog.tech/wordpress-add-plugin हो जाता है।
और अब वक़्त है इंडिविजुअल पोस्ट के पर्मालनिक बदलने का, पर यहां खासा ध्यान देना होगा, वरना आप उस पोस्ट का एसईओ खो देंगे।
इसके लिए आपको महत्वपूर्ण स्टेप्स को फॉलो करना होगा:
#1 सबसे पहले जो भी पोस्ट/पेज का यूआरएल को चेंज करने का जरूरत है, उसका एक लिस्ट बना ले। इसके लिए गूगल शीट या एक्सेल का इस्तेमाल कर सकते है।
इस तरह का टैक्टिक्स ज्यादा पोस्ट्स वाले ब्लॉग या वेबसाईट के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि इसमें इंडिविजुअल पोस्ट को एक लोकेशन से दूसरे लोकेशन में लिंक करना जरूरी होता है।
इसके अलावा पुराने पोस्ट का यूआरएल बहुत गर्बेज होता है, जिस वजह से इसे टाइप या याद रखना मुश्किल होता है।
#2 दूसरा लिंक को एक से दूसरे लोकेशन में शिफ्ट करने के लिए Redirection Plugin का इस्तेमाल करना।
इस प्लगइन को आप यहां क्लिक करके डाउनलोड कर सकते है और इसे कैसे इनस्टॉल करे, इसके लिए लिंक पर क्लिक करके पोस्ट पढ़े।
इसके बाद Navigation >> Tools >> Redirection पर क्लिक करें। यहां पर इसे सेटअप करना होगा, जो बिल्कुल आसान है। सेटअप के बाद एक पेज खुलेगा।
यहां पर Source URL में पोस्ट का पुराना लिंक एड करना है और Target URL में नया लिंक।
जैसे Ahrefs वेबसाईट का ब्लॉग का पुराना यूआरएल blog.ahrefs.com था, पर अब ahrefs.com/blog हो गया है, तो, Source URL- blog.ahrefs.com है और Target URL- ahrefs.com/blog
अब जैसे ही कोई पुराने यूआरएल को सर्च करेगा, तो नए यूआरएल पर पहुंच जाएगा।
और यह काम Http Code 301 और 302 के द्वारा होता है। यहां पर 301 का मतलब है: कोई पेज एक लोकेशन से दूसरे लोकेशन पर परमानेंट शिफ्ट हो गया है और 302 का मतलब टेंपररी रूप से।
इसमें कोड 301 को सबसे बेहतर समझा जाता है क्योंकि इससे सर्च इंजन के पास यह सिग्नल पहुंचता है कि पुराने पोस्ट का लोकेशन चेंज हो गया है।
इसलिए पुराने यूआरएल को हटा कर नए यूआरएल को इंडेक्स कर ले। इसमें समय लग सकता है क्योंकि जब तक गूगल क्रॉलर उस पेज को क्रॉल नहीं करेगा, तब नया यूआरएल अपडेट नहीं होगा।
वैसे यह काम आप खुद सर्च कंसोल में जाकर फोर्स इंडेक्स के लिए रिक्वेस्ट कर सकते हैं।
इस तरह के मेथड से SEO क्रैश नहीं होता है।
How to Write SEO Friendly Permalink
ऊपर दिए गए सारे ताम झाम से बचने के लिए Url को पहले ही सिओ के अनुसार लिखे।
Make Short
यूआरएल को ज्यादा रीडेबल बनाने के लिए इसे छोटा ही रखे।
जैसे richblog.tech/How-to-Start-New-Blog-in-WordPress के जगह richblog.tech/start-wordpress-blog ही रखे।
इसे गूगल बोट तो आसानी से याद कर लेगा, पर यूजर को याद करने में बहुत परेशानी होगा। इसका फायदा यह होगा कि अगर आपका ब्लॉग नया है और कोई भी कीवर्ड पर रैंक नहीं करता है, तो यूजर आपके छोटे यूआरएल वाले पोस्ट का लिंक याद कर सकता है।
Use Lower Case
पर्मलिक को बनाते समय वर्ड हमेशा लोअर केस में लिखे। जैसे Seo-in-Hindi को seo-in-hindi लिखें। बहुत सारे होस्टिंग साइट के लिए यह सेंसिटिव होता है।
Use Https
आज के समय साइट का सिक्योर होना बहुत जरूरी है और सर्च इंजन के लिए भी यह रैंकिंग फैक्टर है। गूगल ने अन सिक्योर साइट को सपोर्ट करना बंद कर दिया है।
इसलिए https के लिए CloudFare या Let’s Encrypt का इस्तेमाल कर सकते है।
Keywords
पर्मालिंक में कीवर्ड का इस्तेमाल करने से यह सिओ फ्रेंडली बनता है और किसी पोस्ट को सर्च पेज में रैंक करने में मदद करता है।
अगर आपका ब्लॉग नया है और यूआरएल में कीवर्ड का इस्तेमाल करके रैंक करना चाहते है, तो इसमें long-tail keywords का इस्तेमाल करना होगा।
पर यहां एक समस्या है, इस तरह का कीवर्ड का length बहुत लंबा होता है चार पांच वर्डस का और इससे URLs का साइज बढ़ जाता है।
इसलिए यहां लंबे कीवर्ड का इस्तेमाल करने से बचे।
Conclusions
अगर आपको पर्मलिंकस से संबंधित कोई समस्या है, तो आज का यह पोस्ट आपका बहुत मदद कर सकता है। क्योंकि यह एक डिस्क्रिप्टिव पोस्ट है और बहुत से मिथ्या या टैक्टिक्स को कवर करता है।
फिर भी हो सकता है इस गाइड में बहुत कुछ रह गया हो, क्योंकि भूल करना मानवीय पक्ष है।
वैसे आज का पोस्ट आपको कैसा लगा हमें कॉमेंट करके जरुर बताए और जितना हो सके इसे अपने सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर जरुर शेयर करके मुझे सपोर्ट करे।
अब अंत में इस पोस्ट को पढ़ने के लिए धन्यवाद।

मुझे हमेशा से लिखना और पढ़ना पसंद है और इसी वजह से इस ब्लॉग को बनाया है। यहाँ पर मैं ब्लॉगिंग और मनी मेकिंग जैसे टॉपिक पर लगातार बेहतरीन पोस्ट लिखता हूं।
NYC post bro! especially for me…. thanks.